THE ULTIMATE GUIDE TO BAGLAMUKHI SADHNA

The Ultimate Guide To baglamukhi sadhna

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thirteen] After that, get yellow coloured flowers or petals and spread them over the Chowki. Watch out that the petals or bouquets near the Diya Do not get burnt.

सतयुग में एक समय भीषण तूफान उठा। इसके परिणामों से चिंतित हो भगवान विष्णु ने तप करने की ठानी। उन्होंने सौराष्ट्र प्रदेश में हरिद्रा नामक सरोवर के किनारे कठोर तप किया। इसी तप के फलस्वरूप सरोवर में से भगवती बगलामुखी का अवतरण हुआ। हरिद्रा यानी हल्दी होता है। अत: मां बगलामुखी के वस्त्र एवं पूजन सामग्री सभी पीले रंग के होते हैं। बगलामुखी मंत्र के जप के लिए भी हल्दी की माला का प्रयोग होता है।

मंदिर परिसर में विशेष मंगलवार, रविवार रात्रि ८ बजे से ही भक्तों का आना प्रारंभ हो जाता हैं। वे देवी पूजन से सम्बन्धित पाठ-पूजन हेतु रसीद प्राप्त कार्डे ते हैं तथा आचार्यों से अपने उद्देश्य हेतु पाठ, पूजन, यज्ञ तांत्रिक प्रयोग कराते हैं व जो साघक है रात्रि में वह जप पाठ पूजन आदि स्यम् ही करते है। विशेष उद्देश्य हेतु व परिस्थितियों को समझ आचार्य जी ख़ुद भी समस्या के निदान हेतु पूजा, पाठ, प्रयोग बताते है। सलाह हेतु लोग निर्देशों का पालन करते है।

उक्त कथानक के अनुकूल ‘कृष्ण-यजुर्वेद’ की काठक-संहिता में दो मन्त्र आए हैं, जिनसे श्रीबगला विद्या का वैदिक रूप प्रकट होता है- विराड्-दिशा विष्णु-पत्यघोरास्येशाना सहसो या मनोता ।

Shakthi or Devi isn't any diverse from the different energies and It is really amalgamation of top-quality drive that guards and watches continuously...

धातु की मूर्ति, यंत्र, शालिग्राम इत्यादि हों, तो उन पर जल चढ़ाएं। मिट्टी की मूर्ति हो, तो पुष्प अथवा तुलसीदल से केवल जल छिड़कें। चित्र हो, तो पहले उसे सूखे वस्त्र से पोंछ लें। फिर गीले कपड़े से, पुन: सूखे कपड़े से पोंछें। देवताओं की प्रतिमाओं को पोंछने के लिए प्रयुक्त वस्त्र स्वच्छ हो। वस्त्र नया हो, तो एक-दो बार पानी में भिगोकर तथा सुखाकर प्रयोग करें। अपने कंधे के उपरने से अथवा धारण किए वस्त्र से देवताओं को न पोंछें।

‘इषयन्ती’ समस्त जगत् को प्रेरित करनेवाली इच्छा-शक्ति-रूपा।

नहीं रखने चाहिए बच्चों के ये नाम, वर्ना पछताएंगे

देवी पूजन के उपरांत किए जानेवाले कृत्य

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two)Is there any possibility that goddess might exam sadhak all through day time for eg though likely/coming to Workplace, in Business or mid evening.

ऊ. महाभिषेक के उपरांत पुन: आचमन के लिए ताम्रपात्र में जल छोड़ें तथा देवी की प्रतिमा को पोंछकर रखें ।

देवता click here को ताम्रपात्र में रखकर उनके चरणों पर आचमनी से जल चढ़ाएं।

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